dussehra essay in hindi

Dussehra Essay in Hindi दशहरा हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है, जिसे सभी हिन्दू परिवार बड़ी ख़ुशी और प्रेम के साथ मनाते हैं. दशहरा अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में दसवें दिन मनाया जाता है. ये दिन माँ दुर्गा के नवरात्रि के होते हैं. जिनमें सभी हिन्दू लोग व्रत रखते हैं और दुर्गा माँ की पूजा उनके 9 रूपों में करते हैं. नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी (दशहरा) के रूप में मनाया जाता है. दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का प्रमुख सन्देश देता है. जिसमे ये दर्शाता है कि अंत में जीत सदैव सत्य की होती है. Dussehra Essay in Hindi के जरिये हम अच्छे से जान सकेंगे.

Dussehra Essay in Hindi

दशहरा का सबसे प्रमुख आकर्षण “राम-लीला” है. जिसमें भगवान् राम के जीवन चरित्र की झलक की प्रस्तुति की जाती है. रामलीला के माध्यम से भगवान् राम के बचपन से लेकर वनवास और वनवास से लेकर रावण वध और अयोध्या वापसी की सभी झलकियाँ दिखाई जाती हैं. रामलीला के माध्यम से सभी लोगों में एक अच्छा सन्देश देने का मकसद होता है. जिससे लोग भगवान् के चरित्र को देखकर लोग अच्छाई की और प्रेरित हो सकें. रामलीला प्रतिपदा से प्रारंभ होकर दशमी तक चलती है. दशमी के दिन राम- रावण युद्ध के प्रसंग दिखाए जाते हैं.

कहा जाता है कि दशहरा के दिन भगवान् राम ने लंका नरेश रावण का वध किया था. रावण अहंकारी, और अत्याचारी राजा था. रावण ने अपनी बहन सुपर्णखा की कटी नाक का बदला लेने के लिए राम की पत्नी सीता का छल से अपहरण कर लिया था. भगवान् राम ने सीता को रावण के चुंगल से छुड़ाने के लिए वानरराज सुग्रीव से मदद मांगी. सुग्रीव की बानर सेना ने पुल का निर्माण किया और समुन्द्र पार करके लंका पर चड़ाई कर दी.

Dussehra par hindi mai nibandh

राम की सेना और रावण की सेना के बीच घमासान युद्ध हुआ. जिसमें मेघनाद, कुम्भकर्ण, और रावण का वध हुआ. और सभी सेना मारी गयी. रावण का भाई विभीषण इस युद्ध में बच गया क्योकिं वह भगवान् राम की शरण में आ गया था और सत्य मार्ग पर था. भगवान् राम ने विभीषण को लंका का राजा बना दिया और अपनी पत्नी सेता को लेकर अयोध्या की और प्रस्थान किया.

जिस दिन भगवान् राम ने रावण का वध किया, वह दिन दशमी का दिन था जिसे आज हम सब विजयदशमी या दशहरा के रूप में मनाते हैं.

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दशहरा के दिन जगह जगह मेले लगते हैं, हजारों की संख्या में लोग इस मेले को देखने आते हैं. झूला झूलते हैं. रावण और कुम्भकर्ण के बड़े बड़े पुतले बने होते हैं. रावण और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन का कार्यक्रम किया जाता है. पुतलों को जलाकर लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश दोहराते है और खुशियाँ मनाते हैं. जमकर आतिशबाजी होती है.

विजयदशमी के दिन माँ दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्यक्रम होता हैं. लोग ट्रालियों और ट्रकों में माँ दुर्गा की मूर्तियों को लादकर लोग बाजे के साथ चलते हैं. लोग इस कार्यक्रम में बड़ी तैदात में होते हैं और किसी नदी या सरोवर की तरफ प्रस्थान करते हैं. नदी में इन प्रतिमाओं का विधि पूर्वक विसर्जन कर दिया जाता है. इस तरह दस दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार समाप्त हो जाता है.

Dussehra Essay in Hindi – विजयदशमी पर निबंध

शक्ति का जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व है. ऐसे ही माँ दुर्गा शक्ति की देवी है. दुःख और किसी भी परेशानी को दूर करने और सुख शांति के लिए सभी भक्त माँ दुर्गा से प्रार्थना करते हैं, कि उनके जीवन में सब अच्छा हो. बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल आदि जगहों पर माँ दुर्गा की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है. शंख बजते हैं. जागरण होते हैं. पूजा स्थलों में धूम धाम रहती है. नवरात्रि में भक्त उपवास- व्रत रखते हैं, और दुर्गा माँ की पूजा याचना करते हैं. प्रसाद बाँटते है. जगह जगह लंगर भी होते हैं.

विजयदशमी का यह त्यौहार हर वर्ष आता है और लोगों में भक्तिभाव और एक नयी उर्जा भर जाता है. त्यौहार लोगों में प्रेम की भावना को उजागर करते हैं. बुरे कार्य से बचना और सदैव अपना ध्यान अच्छे कामों की तरफ लगाना बहुत ही जरुरी है. विजयदशमी की आप सभी को ढेरों शुभकामनायें.

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