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ज्यादातर parents इसलिए परेशान और दुखी होते हैं कि मेरे बच्चे का पढ़ाई में मन क्यों नहीं लग रहा या रुचि नहीं हैं । यह बात बाकई परेशान और दुखी करने वाली हैं, क्योंकि बच्चों का भविष्य जुड़ा हैं पढ़ाई से। लेकिन हम सभी उन माता – पिता या अभिभावकों से यह कहना चाहते हैं कि आप इस बात से परेशान और दुखी बिल्कुल भी मत होइए क्योंकि हम आपको wikiluv की इस पोस्ट में बच्चों में पढ़ाई की रुचि कैसे बढ़ाऐ ? (How to increase interest in children’s studies) इसलिए, बच्चों में पढ़ाई की रुचि बढ़ाने के उपाय बताने जा रहे हैं। लेकिन पहले यह जाने-

बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने के कारण-

यदि आपके बच्चा का पढ़ाई नहीं लग रहा हैं तो आप परेशान होने की बजाय अपने बच्चे को समझने की कोशिश करें, कि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगा पा रहा । इसके अनेक कारण हो सकते है जैसे-आपके प्रेम-भाव में कमी, विद्यालय का वातावरण या आपका रहन-सहन, आपके द्वारा पढ़ाई पर अधिक जोर देना या पढ़ाई की बजह से आपके द्वारा बच्चे को मारना या पीटना, आपके द्वारा उसको अधिक पढ़ने के लिए और कम खेलने के लिए बोलना, या बहुत से माता-पिता अपने बच्चों के सामने ही लड़ने- झगड़ने लग जाते हैं , इस तरह के माहौल में बच्चों के दिमाग में अन्य बातें आने लगती हैं , और बच्चों का पढ़ाई में कम रुचि हो जाती हैं।

बच्चों में पढ़ाई की रुचि बढ़ाने के आसान उपाय-

बच्चों का पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए अभिभावक इन उपायों पर अवश्य ध्यान दें क्योंकि बच्चे के माता-पिता ही बच्चे को अधिक पढ़ाई करने को प्रेरित कर सकते हैं, जानिए कैसे-

बच्चों की समझने की कोशिश करें-

यहाँ आपका कर्तव्य बच्चे को अच्छे स्कूल में दाखिला करवाने का ही नहीं होता हैं बल्कि उसे समझने का भी होता हैं। यदि आपका बच्चा शरीरिक और मानसिक दोनों ही स्थिति में नॉर्मल हैं फिर भी उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा हैं तो उसे पढ़ाई में जरुर कुछ समझ नही आ रहा हैं और वह आपसे पूछने से डरता हैं, क्योंकि उसे डर हैं कि मेरे पूछने पर मुझे डांट या मार न पड़ जाय। ऐसे में माता – पिता अपने बच्चे को पढ़ाई न करने के लिए डांटे या पीटे नही बल्कि उससे पूछे और समझने की कोशिश करें कि उसने किन कारणों की बजह से पढ़ाई नही की।

बच्चो के माता-पिता के साथ- साथ अच्छे दोस्त बने-

अपने व्यस्त समय में से उनके लिए भी समय निकालें और बच्चों के माता-पिता के साथ – साथ अच्छे दोस्त बने, उनके साथ खेल खेले, टीवी में उनके फेवरिट कार्टून देखें, ताकी वह आपके 1 बार कहने पर तुरंत पढ़ाई करने लगें और पढ़ाई से सम्बंधित अपनी सारी समस्याएं आपको बिना डरे बता सके, और अपना मन पढ़ाई में एकाग्र कर सकें।

बच्चों को पढ़ाई से जुड़ें हुये खेल खिलाए-

आप अपने बच्चों को पढ़ाई से जुड़े हुए खेल खिलाए इससे उनका दिमाग और भी मजबूत होगा जिससे उन्हें पढ़ने- लिखने में आसानी से समझने की क्षमता बढ़ जाएगी और पढ़ाई बच्चों को बोझ लगने की बजाय खुशी और आनंद देने लगेगी। ऐसे में बच्चों को पढ़ने में अधिक मन लगने लगता हैं और उन्हें आपको पढ़ाई के लिये बोलने की बजाय खेलने के लिए बोलना पड़ेगा।

बच्चों पर टीचर के अलावा माता या पिता भी दें-

कहा जाता हैं बच्चे की पहली शिक्षक उसकी माँ होती हैं माँ से ज्यादा बच्चे को कोई नही समझ पाता तो बच्चे को स्कूल की टीचर और ट्विटर के अलावा भी आप अपने बच्चे पर ध्यान जरुर दें क्योंकि वह आपसे अपने मन और पढ़ाई संबंधित सारी परेशानी बताएगा और आप अपने बच्चे को अच्छे से समझा पाने में सफल होंगी क्योंकि आप ही जानते है कि आपके बच्चों को कैसे समझ आएगा। यदि किसी कारणवश माँ ध्यान न दे पाए बच्चे को तो पिता को भी देना चाहिए।

बच्चे की रूचि जानकर पढ़ाई करवाना-

हर बच्चे का दिमाग एक जैसा नही होता हैं उसी तरह हर बच्चे की रुचि भी अलग-अलग होती हैं इसलिए आप अपने बच्चे की उन विषयों में अधिक पढ़ाई करवाएं जिसमें उनकी रुचि हैं तो ज्यादा बेहतर होगा और ऐसे में आप उनकी कमजोरी देखने की बजाय होशयारी देख पाएंगे। और धीरे – धीरे उन विषयों पर भी ध्यान दें जिन्हें वो पसंद नही करते बस उन विषयों की बजह से आपको हताश नही होना हैं बस समझना है कि इन विषयों को भी पढ़ना जरूरी हैं यदि आप समझाने में कायम हो गए तो, वह उन विषयों में भी धीरे-धीरे रुचि रखने लगेंगे।

सीखे धैर्य और प्रोत्साहित करना-

आप अपने बच्चे को पढ़ाई करवाते समय गुस्सा होकर यदि मारते पीटते हैं तो बच्चों को पढ़ाने से पहले यह बात अपने दिमाग में बैठा लें कि, हमें बिन गुस्सा किए बच्चे को धैर्य के साथ पढ़ाना है, इसलिए आपको अपना धैर्य बनाएं रखना होगा। क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि बच्चा आपसे एक ही सवाल कई बार करे और आपको उसे कई बार समझाना पड़े तो उसे मारने की बजाय उसे प्रोत्साहित करें कि आप ऐसा कर सकते हो या जरूर कर पाओगे ऐसा करने से आपके बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ जाता है और वह उसे पूरा करने की कोशिश में लग जाता हैं।

बच्चों की पढ़ाई के लिए निर्धारित समय करें साथ ही खान-पान पर भी रखें ध्यान-

बच्चों को पढ़ाई करने के लिये एक निर्धारित समय ही रखें जिससे वह पढ़ने के समय खेले नही यदि आप ऐसा करते है तो वह समय देखकर खुद व खुद पढ़ाई करने लगेगा। जिससे उसका पढ़ाई में मन लगने लगेगा क्योंकि उसका समय पढ़ाई के लिए सुनिश्चित हैं। साथ ही उसके खाने- पीने पर भी ध्यान क्योंकि बच्चों को पढ़ाई करने के लिए एनर्जी की बहुत आवश्यकता होती हैं, इसलिए बच्चों की पसंदीदा भोजन में ज्यादातर प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन युक्त होना चाहिए।

बच्चों को लिखने के अलावा पढ़ने और चित्रकारी की भी आदत बनाये-

बच्चों को लिखने के साथ-साथ पढ़ने की आदत भी डालें। क्योंकि बच्चो को लिखने से ज्यादा किताब पढ़ने अच्छा लगता हैं, यदि आपका बच्चा किताब पढ़ने का इकच्छुक हैं तो आप उसको पढ़ने के लिए जरूर बोले क्योंकि किताबों में चित्र होते हैं जिसमें उन्हें पढ़ने और समझने में भी आसानी होती है और उनका मन पढ़ाई में लग जाता हैं परन्तु आपको उसे जोर-जोर से पाठ पढ़ने की आदत डालें। इससे यह होगा कि आपका बच्चा क्या पढ़ रहा हैं गलत पढ़ने पर आप अपना काम करते हुए भी समझा सकते हैं है और दूसरा लाभ यह होगा कि उसे अच्छे साहित्य की संरचना और शब्दावली की जानकारी भी मिलेगी। साथ ही यदि आपका बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ ड्राइंग या चित्रकारी करना चाहता हैं तो यह भी आदत जरूर बनाये इससे वह अपने अंदर की कला को चित्रकारी करके बताएंगा। और आपको अपनी पढ़ाई से उत्साहित करेगा।

बच्चों को महान पुरुषों के बारे में जरूर बताए-

अपने बच्चों को उन महान पुरुषों या हस्तियों के बारे में बताए, जिन्होंने पढ़ाई करके अपना ही नही अपने देश का नाम रोशन किया हैं क्योंकि इससे बच्चे के अंदर पॉजिटिव एनर्जी आती हैं और उनमें भी नामुमकिन को मुमकिन करने की सोच उत्पन्न होने लगती हैं और वह पढ़ाई संबंधित उन सभी समस्याओं को दूर करने की सोचते हैं जिनसे वह अपनी पढ़ाई में मन नही लगा पा रहा था फिर वह ध्यान से और समझकर पढ़ाई करने का प्रयास करते हैं और वह सफल होते हैं इसी तरह उनकी रुचि पढ़ाई में लगने लगता हैं।

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