Anna Hazare Biography in Hindi

Anna Hazare Biography in Hindi अन्ना हजारे जिनका पूरा जीवन संघर्ष करने में ही बीत गया. कभी अपने बारे में सोचा ही नहीं. जिन्हें हम अन्ना हजारे के नाम से जानते हैं असल में इनका नाम किसन बाबूराव हजारे है.

अन्ना हजारे का जन्म 15 जून 1937 में महाराष्ट्र में हुआ. अन्ना हजारे की पहचान एक समाजसेवी के रूप में है. अन्ना हजारे के ऐसे बहुत से लोकप्रिय कार्य है जो इनके द्वारा किये गए हैं इनमें से ही एक भारत में रालेगन सिद्धि नामक गाँव के विकास के रूप में पहचान है. अन्ना हजारे ने भारतीय सेना में भी कार्य किया है. यहीं से प्रेरित होकर अन्ना हजारे समाज की सेवा में लग गए. 2011 के भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अन्ना हजारे ने एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।

2011 के इस भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अन्ना हजारे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी. इस अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के माध्यम से अन्ना हजारे अपनी मांगों को सरकार द्वारा स्वीकार करना चाहते थे. उनकी यह मांगे जनता के हित के लिए थी. कड़ी मेहनत के बाद सरकार को उनकी बात माननी पड़ी और उनकी मांगो को स्वीकार कर लिया और उन्होंने अपना उपवास भी समाप्त कर दिया.

इस भूख हड़ताल के बाद, अगस्त 2011 में ही एक और भूख हड़ताल शुरू की थी. इस भूख हड़ताल के जरिये सरकार को एक जन लोकपाल विधेयक परित करना चाहते थे.

अन्ना हजारे की मांगो को स्वीकार करने के बाद उन्होंने उपवास समाप्त कर दिया. अन्ना के इस आन्दोलन को पूरे भारत के नागरिकों का भरपूर समर्थन मिला. अन्ना हजारे ने कुछ ऐसी बाते भी की जिनकी आलोचना की गयी जिनमे जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए पुरुष नसबंदी आदि.

अन्ना हजारे के इन सराहनीय कार्यो को देखकर 2011 में फोरिन पॉलिसी मैगज़ीन ने उन्हें 100 वैश्विक विचारकों के बीच नामित किया था।
इसके अलावा 2011 में ही राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र ने मुंबई में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप अन्ना हजारे को दर्जा दिया था.

Anna Hazare Biography in Hindi – अन्ना हजारे की जीवनी

पूरा नाम  – किसन बापट बाबूराव हजारे
जन्म       – 15 जून 1937
जन्मस्थान – रालेगन सिद्धि, अहमदनगर, महाराष्ट्र
पिता       – बाबूराव हजारे
माता       – लक्ष्मीबाई हजारे
विवाह     – नहीं किया

EARLY LIFE – प्रारंभिक जीवन 

किसन बाबूराव हजारे जिन्हें हम अन्ना हजारे के नाम से भी जानते हैं. अन्ना हजारे के पिता का नाम बाबू राव हजारे है. अन्ना हजारे की माँ का नाम लक्ष्मी हजारे था. अन्ना हजारे का एक भाई जिनका नाम मारुती हजारे और इनकी दो बहन भी हैं. अन्ना हजारे का जन्म 15 जून 1937 को रालेगन सिद्धि, अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुआ था।

अन्ना हजारे ने अभी तक विवाह नहीं किया है. उनकी रूचि योग में भी है. अन्ना हजारे के पसंदीदा नेता मोहनदास करम चंद गांधी और स्वामी विवेकानंद है. अन्ना हजारे एक निडर और सच्चे समाजसेवी हैं.

PROFESSION – व्यवसाय 

अन्ना हजारे 1960 में भारतीय सेना में शामिल हुए उन्हें औरंगाबाद में प्रशिक्षित किया गया था. अन्ना हजारे ने सेना में ट्रक चालक के रूप में कार्य किया. 1964 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान खेम करण सेक्टर में सीमा पर कार्यरत थे. यहाँ अन्ना हजारे मरने से बाल बाल बचे. एक दुशमन के हमले से गोली उनके कान के नजदीक से निकल गयी. इस हमले के बाद मानो उन्हें एक नयी ज़िन्दगी मिल गयी हो.

सेना में कार्य करने के दौरान ही उन्होंने जीवन को नजदीक से जाना. उन्होंने महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, और विनोबा भावे जैसे महान लोगों के द्वारा किये गये महान कार्यों के बारे में जानना शुरू किया. इन महान पुरुषों के कार्यों के बारे में जानकर उन्हें पता चला कि उन्हें अपने जीवन में कुछ उपयोगी कार्य करना चाहिए।

GREAT WORK – महान कार्य

अन्ना हजारे रालेगन सिद्धि के अपने मूल गांव में वापस लौटे और वहां गरीबी, पानी की समस्याओं, शराब और कई मुद्दों से परेशान लोगों की परेशानी का निवारण करने के बारे में विचार बनाया. इस परेशानी से निपटने के लिए अन्ना हजारे ने सामान विचारधारा वाले कुछ युवाओं को इकट्ठा किया और गांव के नए विकास के लिए एक युवा संघ का निर्माण किया. शराब से ग्रस्त युवाओं को सही मार्ग पर लेकार आये और अन्य कई लोगों की भलाई के लिए कार्य किये.

अन्य महान कार्य जन लोकपाल विधेयक आंदोलन

  • जन लोकपाल विधेयक
  • इंडिया अगेंस्ट करप्शन
  • भारत में जन आन्दोलन

पानी की समस्या को ख़त्म किया. अनाज के भंडार, गांव में स्कूल का निर्माण, आदि समस्याओं का खात्मा किया. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को पारित करने के लिए भारत सरकार से मंजूरी के लिए अन्ना हजारे का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कई अनिश्चितकालीन उपवास किये, जिनमें सरकार को उनकी बात स्वीकार ही करनी पड़ी.

Awards and achievements – पुरस्कार और उपलब्धियां

अन्ना हजारे को 1988 में मैन ऑफ़ द ईयर अवार्ड. इसके बाद 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया. इसके बाद 1992 में पद्मभूषण पुरस्कार, 1996 में विवेकानंद सेवा पुरुस्कार, 1997 में शिरोमणि अवार्ड से सम्मानित किया गया. ऐसे अन्य बहुत से अवार्ड है जिनसे अन्ना हजारे को समानित किया गया.

“जो अपने लिए जीते है वो मर जाते है, जो समाज के लिए जीते है वो तो मरकर भी हमेशा के लिए जिंदा रहते है”

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