
Maa durga kaise bani हिंदू धर्म में माँ दुर्गा की पूजा का एक विशेष और सर्वोच्च स्थान है. भारत में माँ दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि का त्यौहार सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. जिसमें माँ दुर्गा की पूजा 9 दिनों तक उनके अलग अलग रूप में की जाती है. माँ दुर्गा को कई एनी नाम से जाना जाता है. जैसे- पार्वती, गौरी, काली, महामाया, सती, और महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है.
Maa durga kaise bani – माँ दुर्गा की उत्पत्ति की कहानी
एक बार की बात है, एक दानव था, जिसे महिषासुर के नाम से जाना जाता था. भैंसा दानव महिषासुर बहुत ही शक्तिशाली था. महिषासुर बहुत ही घमंडी और क्रूर था और सभी देवी देवताओं का वध करके संसार में सर्वोच्च होना चाहता था. महिषासुर के ऐसे विचारों को जानकर सभी देवता खबरा गए और वे सभी सृष्टि के रचयिता भगवान् ब्रह्म के पास गए, और अपनी बात भगवान् ब्रह्म से कही. फिर सभी ने सर्वसम्मत्ति से और अपनी शक्तियों से मिलाकर देवी दुर्गा का सृजन किया.
माँ देवी दुर्गा का सृजन सभी की शक्तियों के द्वारा ही संभव था जिससे महिषासुर का वध किया जा सके. देवी दुर्गा का स्वरूप आकर्षक है. माँ दुर्गा के मुख से सौम्यता और स्नेह झलकता है. माँ दुर्गा के दस हाथ है, दसों हाथों में अलग अलग शस्त्र हैं. ये शस्त्र माँ दुर्गा को देवी देवताओं ने दिए हैं, जिनमें अपार शक्ति है. भगवान् शिव ने त्रिशुल, भगवान् वायु ने तीर, भगवान् विष्णु ने चक्र आदि दिए हैं.
माँ दुर्गा के कपड़े और सवारी
माँ दुर्गा सर्व शक्तिशाली हैं. देवी दुर्गा की सवारी शेर है, जो हिमावंत पर्वत से लाया गया था. इस तरह से माँ दुर्गा को महिषासुर का वध करने के लिए बनाया गया.
Durga Utpatti (Mahishasur Vadh)
देवी दुर्गा ने महिषासुर को मार डाला. ये सब देख सभी देवी देवता प्रसन्न हुए. देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध को आज भी तस्वीर और मूर्तियों में देखा जा सकता है.
महिषासुर को मारने के लिए माँ दुर्गा ने अपने सभी शस्त्रों का प्रयोग किया, और उसे मार डाला. आज भी बुरी बाधाओं का खात्मा करने के लिए माँ दुर्गा की पूजा की जाती है.
Maa durga kaise bani आप जान गए होंगे. माँ दुर्गा जो सभी पर अपना प्यार और आशीर्वाद बनाएं रखती है. नवरात्रि के इस पावन पर्व और दुर्गा पूजन की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं. प्रेम से बोलो “जय माता दी”
[…] दुर्गा पूजा का यह त्यौहार नौ दिन तक चलता है. इन दिनों हिन्दू लोग पूरे विश्वाश के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं. कुछ लोग इस त्यौहार को आठ दिन तो कुछ लोग पूरे नौ दिन तक मनाते हैं. इस त्यौहार में लोग नोऊ दिन तक उपवास रखते हैं. लेकिन कुछ लोग पहले दिन और नौवे दिन का ही उपवास रखते हैं. दावत का आयोजन करते हैं. दुर्गा माँ की पूजा के लिए घरों को सजाया जाता है. दुर्गा माँ के मंदिर को भी अच्छे से सजातें हैं. नौ दिन पूरे होने के वाद माँ की मूर्ति को गंगा में या किसी भी साफ नदी में विसर्जन किया जाता है. माँ दुर्गा कैसे उत्पन्न हुई […]
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